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भारतीय इण्टर कॉलेज धातरी का इतिहास

भारतीय इण्टर कॉलेज धातरी, फ़िरोज़ाबाद की स्थापना 1968 में की गयी। कुशल राजनीतिज्ञ प्रमुख समाज सेवी, एवं शिक्षा विद स्वर्गीय पं0 साहित्य प्रकाश दीक्षित विद्यालय के संस्थापक प्रधानाचार्य थे। उनके छत्र छाया मे विद्यालय पुष्प पल्लवित हुआ। इस संस्था की ख्याति के कारण दूर दराज के क्षेत्रों से विद्यार्थी विद्यार्जन के लिए आया करते थे। विद्यालय राष्ट्री य राजमार्ग-19 पर शिकोहाबाद बस स्टेण्ड से सिरसागंज रोड पर 6 किमी. दूर स्थित है।

भारतीय इण्टर कॉलेज धातरी, फ़िरोज़ाबाद आपको शैक्षिक वातावरण एवं व्यवस्था का आश्वासन देता है | परिवार के प्रत्येक सदस्य परस्पर स्नेह, सौहार्द और आदर का भाव रखते है | आप एक ऐसी संस्था से जुड़े रहे है, जिसके, समरसता एवं एकरूपता को स्थापित करने की अपनी परम्परा को सुव्यवस्थित रखने हुए इसे आप उत्तरोतर विकास के पथ पर अग्रसर करेगें | हमारा सतत एवं भागीरथ प्रयास है कि हम इस संस्था के अपने सुव्यवस्थित मूल्यों के अनुकूल आप को अपने लक्ष्य तक पहुंचा सके एवं संस्कारयुक्त व्यक्ति बना सके | आप का मनोबल एवं नैतिक स्तर पर्वत से भी ऊँचा, समुद्र से भी गहरा और आकाश से भी विशाल होगा चाहिए | जिससे कोई भी शक्ति आपकी प्रगति को अवरुद्ध न कर सके |

विद्यालय में शिक्षा का उद्देश्य लोगों को उनके प्रारंभिक वर्षों में ज्ञान प्रदान करना और मूल्यों को विकसित करना है जो उन्हें जीवन में विकल्प बनाने में मदद करेगा। अध्ययन की आदत, सीखने का प्यार और सच्चाई की खोज को लगातार प्रोत्साहित किया गया है। गुणवत्ता की शिक्षा को अब विलक्षण नहीं माना जाता है, कागज-पेंसिपें ल परीक्षण द्वारा मापी गई अंतर्निहित गुणवत्ता। हम, विद्यालय में, एक प्रयोगशाला काम, परियोजनाओं और गतिविधियों के माध्यम से छात्रों के हिस्से पर पहले हाथ के अनुभव को शामिल करते हुए, सीखने के लिए आवेदन आधारित वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर प्रयास करते हैं। हमें पता चलता है कि प्रत्येक बच्चे में एक अलग क्षमता है और हम दुनिया को तलाशने और जवाब खोजने में बच्चे की सहायता करने के लिए ‘सूत्रधार’ हैं। हम अपने युवा शिक्षार्थियों को विभिन्न प्रकार के साधनों के माध्यम से निरंतर और व्यापक रूप से आंकते हैं, जिससे तनाव का स्तर कम होता है। मैंने मैं बच्चों में एक व्यापक ज्ञान का आधार और एक जीवंत गतिशीलता देखी है, जिसे सिर्फ एक पूर्ण विकास में ले जाने के लिए शिक्षकों और माता-पिता से समर्थन की आवश्यकता होती है। मैं व्यक्तिगत रूप से उन माता-पिता की सक्रिय भागीदारी की सराहना करता हूं, जो नियमित रूप से आयोजित ‘इंटरेक्टिव सत्र’ में रचनात्मक सुझाव देते हैं और गुणवत्ता आश्वासन की प्रक्रिया में भागीदार बनने के लिए उन्हें आमंत्रित करते हैं।

Mission

मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभाशाली बच्चों को उनके परिवार की सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर ध्यान दिए बिना, गुणात्मक आधुनिक शिक्षा प्रदान करना, जिसमें सामाजिक मूल्यों, ल्यों पर्यावरण के प्रति जागरूकता, साहसिक कार्यकलाप और शारीरिक शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण घटकों का समावेश हो। देश भर में एक उपयुक्त स्तर पर एक समान माध्यम अर्थात् अंग्रेजी एवं हिन्दी में शिक्षण की सुविधाएं प्रदान करना।

Vision

ये सर्वश्रेष्ठ ग्रामीण प्रतिभाओं को आगे लाने में यथासंभव प्रयास करेंगे। यह महसूस किया गया है कि विशेष प्रतिभाशाली बच्चों की फीस देने की क्षमता को ध्यान में न रखते हुए उन्हें गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध कराकर समुचित अवसर प्रदान किए जाएं ताकि वे अपने जीवन में तेजी से आगे बढ़ सकें। ऐसी शिक्षा इन ग्रामीण विद्यार्थियों को अपने समकक्ष शहरी विद्यार्थियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सहायक होगी।